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सागर कुस्मी
हसुलिया १७, अहगन । 
गैल बरस जस्टे इ सालफें मोहनपुर गाउँ बरा चौकस हुइक लाग बा । थारु भासा साहित्य संस्कृति संरक्षण कैना उद्देश्यसे साहित्यिक कार्यक्रम हुइ भिँरल हो । कैलारी ३ मोहनपुर गाउँ समाज ओ हरचाली त्रैमासिकके सहकार्यमे अइना पुस महिनाके १३ गते मोहनपुर गाउँ साहित्यमय हुइ जैटी बा ।

गैल सालसे लग्टार हुइटी आइल कार्यक्रम इ सालफें कैना कहिके मोहनपुर गाउँक भलमन्सा हरिप्रसाद चौधरी बटैलैं । उहाँ कहलैं, हमरे हमार थारु भासा साहित्य, संस्कृति ओ पहिचानके लाग अइसिन कार्यक्रमके कदम उठाइल बटैलैं ।

अत्रै किल नाहि मोहनपुर गाउँ बिकासमे बहुत पछ्गुरल ठाउँ हो । इ गाउँ ठाउँ बिकासके लाग साहित्य मार्फत सम्बन्धित निकायहे खबरदारी कैना ओ विकासके काम हलि हलि करवैना हिसाबसे गाउँ समाज इ अभियानमे तन मन धन लगाके भिँरल भलमन्सा जि बटैलैं ।

कार्यक्रममे मोहनपुर गाउँक् झुमरा नाच, अझ्कलिक ठँरिया बठिनियनके आधुनिक नाच, गाउँक् बुर्हापाका ओइनके ढमार, माँंगर ओ मेरमेराइक गीतबाँस फें डेखे पैना गाउँक बुद्धिजीवी सुनिल चौधरी पहुरा दैनिकहे जनैलैं ।

पोरसाल जस्टे इ साल फेन कैलाली, कंचनपुर, बाँके, बर्दिया, दांग, सुर्खेत, कपिलवस्तु, रुपन्देही लगायत जिल्लासे दर्जनसे ढेर साहित्यकार ओइनके मेरमेराइक गजल, कविता, मुक्तक के बौछार चल्ना आयोजक ओइनके कहाइ बा ।
अग्रज लेखक ओइनहे सम्मान ओ लावा लेखक ओइनहे प्रोत्साहन डेना ओ कार्यक्रमहे चौकस बनैना सैल गाउँक मनैं डौरढुपमे लागल बटैं ।

मोहना लडियाके ओहपार, नेपाल ओ भारतके सिमानामे रहल मोहनपुर साहित्यिक झन्कार कार्यक्रमहे चौकस बनाइक लाग सक्कु जाने अपन अपन ठाउँसे हिरगरके लागे पर्ना आयोजकके अर्जि करल सुनिल चौधरी बटैलैं ।

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