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भजनीक पुलियापुरीबासी त्रिपालमे बैठे पर्ना बाध्य – कैलारी पोष्ट
tripal

धनगढी, १२ सावन । भजनी नगरपालिका वडा नम्बर ५ पुलियापुरीके रीतादेवी कामी हरेक वर्षातमे हुलाकी सडक छेउमे त्रिपाल टंङके बैठठी ।

सडकसे उप्पर रहल रहल घर कान्द्रा लडिया डुवान कैना हुइलपाछे उहाँ परिवारसहित त्रिपालमे बैठना करल हुइट । असार १ गतेसे सडकमे पाल टा“गके बैठटी आइल उहाँ कहठी–‘कार्तिक महिनासम यिहे त्रिपालके सहारा लेके सडकमे बैठे परल बा ।’

डोटीके बर्छेनसे उहाँक बुडुहुक्रे बाढसे विस्थापित हुके उ ठाउँमे आके बसोबास करटी आइल रहिट । उहाँ कहठी–‘बुडुहुक्रे डोटीमे वर्षातके कारण आइल पहिरोसे विस्थापित हुइलपाछे यहाँ आके बसोबास करल हुइट । यहा“फे वर्षातमे घरभिटर बैठे सेक्ना अवस्था नइहुइल ।’ उहाँ हरेक वर्ष सरकारके प्रतिनिधी, संघ÷संस्था गुनासो सुनेक लाग केल अइना करल बटैली । उहाँ कहली–‘झण्डै सात वर्षसे हम्रे वर्षातमे यिहे त्रिपालमे बैठे पर्ना बाध्यता रहल बा । सरकारके निकाय अनुगमन करे अइठै । गुनासो सुन्ठ मने, समस्याके समाधान ओर पहल कोईफे करे नइसेक्ठै ।’

हरेक वर्षके वर्षायाममे कान्द्रा लडियामे अइना बाढके कारण बस्ती डुबानमे पर्ना करठ । यी वर्षफे बस्ती पूर्णरुपसे डुबानमे परलपाछे ओइने हुलाकी सडकमे त्रिपाल टाँगके सडकमे बैठे लागल लालबहादुर विक कहठै– ‘त्रिपाल लगाके सडकमे किहीहे मन हुई ? घर सामान्य वर्षा हुईबेर डुवान परठ । बालबच्चाके हेरचाह कैनाफे समस्या हुइठ ।’ बस्तीमे बाढ पैठलपाछे घरेम रहल लत्ताकपडा, खाद्यान्न ओ चौपाया सक्कु पुहाइल उहाँ दुखेसो पोख्लै । उहाँ सडकमे बैठेबेर स्वच्छ खानेपानी, खाद्यान्न लगायतके अभाव झेले परल बटैलै । उहाँ कहलै–‘खुल्ला सडक छेउमे बन्यजन्तुके त्रास बा ।

बत्ती नइहुके स्कुले बालबालिकाहे पह्रना समस्या हुइटी रहल बा । हम्रहिनहे सुरक्षित स्थानमे बसोबास करैना केक्रो ध्यान नइगैल हो ।’ ‘असर १ गतेसे बस्तीमे पानी बैठके डुबान हुइलपाछे हमर सडकमे बास हुइल हो,’ रतन कामी कहलै, ‘हरेक वर्ष अस्टे समस्या हुइठ । मने, कोई पुनःस्थापनके बारेमे सोचल नइहुइट ।’ डुबानसे १५ घरपरिवारके एकसय जाने प्रभावित हुइल स्थानीय रीतादेबी कामी बटैली । बस्ती डुबानमे परलपाछे गैया, भैंसीनीय, मुरगी छोरके ज्यान जोगैना सडकमे आके बैठल उहाँक कहाई बा ।

सडकमे बास बैठेबेर कुकुर ओ मानसिक सन्तुलन बिग्रल मनै सटैना करल परुली कामी दुखेसो पोख्ली । १२ वर्षसे डोटी ओ दैलेख जिल्लासे बसाई सरके आइल सुकुम्वासी दलित बस्तीहे हरेक वर्ष कान्द्रा लडियाके बाढ दुःख डेना करल बा । अपनेहुक्रे १२ वर्षसे डुबानके कारण हरेक वर्षके असारसे कार्तिकसस सडकमे बैठना करल स्थानीय बटैठै । बस्ती डुबानके कारण १५ घरपरिवार समस्यामे परलेसेफे स्थानी सरकार, प्रदेश सरकार ओ संघीय सरकारसे वास्ता नइकरल ओइनके गुनासो बा । पहुरासे

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