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धनगढी, २८ माघ । संयुक्त राष्ट्र संघके मुख्यालय जेनेभामे आदिवासी जनजाति तथा थारु समुदायके महिलाहुकनके मुद्दा उठागिल बा ।
२०२५ फेब्रुअरी ३ से २१ तारेखसम हुइटी रहल सिड कमिटी ९०औं सेसन्मे आदिवासी जनजाति तथा थारु समुदायके महिलाहुकनके मुद्दा उठागिल हो । राष्ट्रिय आदिवासी महिला महासंघके कार्यकारी निर्देशक ईन्दु थारु सामाजिक संघ संस्थाके प्रतिनिधि सम्मिलित आदिवासी महिला संगठनहुकनके संघके प्रतिनिधित्व करटी सिड कमिटीमे आदिवासी जनजाति तथा थारु समुदायके महिलाके मुद्दा उठाइल रहिट ।
सिड कमिटीमे नेपालके प्रस्तुति फेब्रुअरी ३ से ५ तारेखसम रहे । जेम्ने कार्यकारी निर्देशक थारु फेब्रुअरी ४ तारेखमे नेपालके आदिवासीके महिलाके मुद्दा रख्टी नेपालमे आदिवासी महिला ओ अपांता हुइल आदिवासी महिलाहुक्रे सरकारी ओ गैर–सरकारी दुनु पक्षसे व्यवस्थित रूपमे उपनिवेश ओ भेदभावके शिकार हुइटी उहाँ कहल रहिट ।

संरक्षण, प्रतिष्ठित क्षेत्र ओ विकासके नाममे लुटल हमार पुर्खाके जग्गा, भूभाग ओ स्रोतसाधनके निरन्तर क्षति हुइटी रहल उहाँ बटैली । भर्खर मुस्ताङके थामे गाउँ, कागबेनीके शेर्पाहे प्रभावित पर्ना हिमनदीके प्रकोप जलवायु परिवर्तनके पहिल ओ सबसे ढेर प्रभावित आदिवासी जनजाति रहल प्रमाण हो ।
थारु समुदायसे थरुहट स्वायत्तता, नेवासे खोकना बचाउ, नो केबुलकार कोशी, याक्थुङ (लिम्बु) से मुकुम्लुङ बचाउ, तामाङसे बोजेनीमे उच्च भोल्टेज प्रसारण स्टेशन नबनाई जैसिन भूमि अधिकारके संघर्ष आदिवासी सार्वभौमसत्ता, आत्मनिर्भरताके लाग रहल बैठकमे उहाँ बटैले रही ।
संकल्प, स्वायत्तता, परम्परागत स्वशासन ओ पवित्र भूमिके संरक्षण, दुर्भाग्यवश, सरकारसे हमार मागहे हिंसाके साथ जवाफ डेहठ, काहेकी हम्रे गैल हप्ता तीन आदिवासी मानवअधिकार रक्षकहुकनके छाती ओ जाँघमे गोली लागल डेखगिल बा ।
कमलहरी प्रथा, बन्धक श्रमके एक रूप हो, २०१३ मे आधिकारिक रूपमे यी प्रथा उन्मूलन हुइल मने व्यवहारमे जारी उहाँ बटैली । कानून हुइलेसेफे मुक्तकमलरीहुक्रे अभिनफे राजनीतिक नेता, उच्च वर्ग ओ अधिकारीहुक्रे घरेलु श्रमके रुपमे शोषण कैना, बन्धक बनाइल ओरसे कमलहरीनहे न्याय चाहल बात उठाइल रहिट ।

आदिवासी महिला ओ अपांता रहल आदिवासी महिलाहुक्रे हिंसा, शारीरिक आक्रमण, बलात्कार, उत्पीडन ओ जेल सजायफे भोगे परल उहाँ बटैले रहिट । गैर–आदिवासी महिलाके तुलनामे लैंगिक–आधारित हिंसासे असमान रूपमे प्रभावित हुइल कहल रहिट ।
ओस्टके उहाँ आदिवासी महिलाहुकनहे प्रहरी थाना, अदालत ओ सरकारी संस्थामे आदिवासी भाषाके कारणफे न्याय प्रणालीमे पहुँचके अभाव डेखल बात राखल रही । उहाँ सिड कमिटीहे १४ नोभेम्बर २०१८ के समापन अवलोकनमे अनुच्छेद ४१ मे उल्लेख करल सिड सिफारिस बमोजिम संविधान संशोधन कैना समयबद्ध योजना ल्यन्ना नेपालहे सिफारिस कैना ओ सिड जिआर नम्बर ३९, ओ सक्कु लुटल भूमि आदिवासीहुकनहे फिर्ता कैना, सिडा कमिटीहे अपांता हुइल महिलाहुकनके अधिकारके बारेमे सामान्य सिफारिस ल्यन्ना उहाँ अनुरोध करल रही । आदिवासी महिलाहे न्याय नैहुइलेसे संसारमे न्याय नैहुइना उहाँ कहल रही ।
सिड कमिटीके बैठकमे फेब्रुअरी ५ तारेख नेपाल सरकारके प्रतिनिधिहुक्रे प्रश्नके जावफ करठै । बैठकमे नेपाल सरकारके महिला तथा बालविकास मन्त्री, सचिवहुकनकेफे सहभागिता रहठ् ।

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