देव चरण
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देवचरण चौधरी

बिगहौक धनि रहे, हुईना खैना कोई चिजके कमि नै रहिस् लिख्रान घरेक मडन्वा हे । मने आजकाल अपन जग्गा जमिन बेच्के जाँर डारु सिकार,मछार,सिक्रठ,गुट्का हर चिजके नसामे लटपटाईल बा । अपन बाल बच्चा घरपरिवारके कोनो वास्ता नै हुईस मडन्वा हे । गाउँक सब जे हस कहैँ यी मडन्वा जाँर पिके मरि । कह्कटी कुछ दिन बाद मडन्वा सिकिस्ट बिमार हुईगिल कहिके सुन्नामे आईल । बिमार हुईल खबर पाके मै मडन्वाक घरबर नम्गिनु । मडन्वा बेहोसहस् बहरीमे सुटल देख्के तुरुन्ट फोन क्रके एम्बुलेन्स बलादेनु । मडन्वाहे कोहलपुर अस्पताल लैगिनै । उहाँ मडन्वाके सबकुछ चेकजाँच हुइल । एकघचि पाछे डक्टरुवा रिपोर्ट लैके आइठ ओ कहठ -” हेरो भैया ! मै सब चेकजाँच कर्नु सेक्नु । टोंहार बाबाक डुनु किड्नी फैल हुईल देखाईटा, जन्डिस फेन १७.९ बा जोन अवस्था बहुट नाजुक हो , कलेजो ओ फोक्सो फिन ९० % से ज्यादा फुलल देखाईटा , यकर सँगे डम ओ सुगर लेबल अधिक बर्हल बा । अब महिन लागठ हुँकार जिना धेर दिन नै हुईन ।” अट्रा बाट सुन्के ओकर छावा श्रीधन कहठ -“डाक्टरसाप बाबाके उपचारमे जट्रा खर्च हुई, जग्गा बेचके हुईले से फेन दवाई कराबी हम्रे। टुँ उपचार के सारा सरजाम करो ।” यि सब बाटचिट पँजरेक बेडमे ओन्ड्रल मडन्वा सुन्टि रहे ओ एक टमास से भित्ताम हेर्टी रहे जहाँ भित्ताक डेवारमे लिखल रहे – ‘स्वस्थ रही ..! सड्ड सुखी रही ..! लर्का पर्कनके जिम्मेवारी बहन करी ..!!’ सायद मडन्वा यि पहरके आपन परिवार हे सम्झटी रहे, बिगतमे करल हर नसा कुलट हे सम्झटी पछुटईटी रहे । ओकर आँखी मन्से आँशके लदिया डुनु गाल हुईटी घेंचा सम् बहल रहिस्, टब्बहीं छावा हे बरा मौन हुईटी कहठ -” छावा बचल जग्गा बेचके मोर दवाई ना कराऊ, रहल जमिन टो मै जाँर डारु नसा मे बहाडेनु । अब बचल जग्गा बेचके सुकुम्बासी ना बनो। महिन पटा बा अब मै धेर दिन नै जियम।” यि बाट सुनके सब चुपचाप हुइगिनै लागठ उपचार कोठम रहल सब मौन ब्रट मे आटैँ ।एकघची पाछे लम्मा सुस्केरा छोरल मडन्वा । ओकर आँखीम आँश झल्मलाईटिहीस् । झल्मलाईल आँशक दुई बुँदा बर्बर से गिरैटी स्याँक स्याँक कर्टी कहल -” आज मोर हालट जोन हुईल बा, काल हमार सन्ततिके यिहे हालट हुई, टभे ‘टैँ ओ नाटी’ ”जाँरक सिट्ठा” से दुर रहिस् छावा …जाँरक सिट्ठा” से दुर रहिस्…।

1 thought on “छुटी खिस्सा: जाँरक सिट्ठा

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